Monday, 27 July 2015

Ek Khula Khat

नौंवी क्लास में था. तेरे नाम फिल्म देखने के बाद बड़े से बालों के साथ बीच की मांग निकालकर घूमने लगा था. इस बात पर अक्सर पापा से पिटाई पड़ती, लाल से गाल लिए मैं जिस शख्स के हेयरस्टाइल की आड़ लेने लगता, वो आज बादलों और तारों की आड़ लेकर दुनिया छोड़ चुका है. अलविदा कलाम सर.
बचपन में साइंस का मतलब केमिस्ट्री के कुछ फॉर्मूले और बायोलॉजी में एक्स-रे की शक्ल से चित्र ही समझ आता था. सामान्य ज्ञान की लंबी सी किताब और क्लास टेस्ट में अक्सर एक सवाल जो सबसे आसान लगता था वो था, देश का राष्ट्रपति कौन है? मिसाइल मैन कौन है? शब्दों की शक्ल लेने से पहले सवाल का जवाब आखों के सामने एक सांवली, मुस्कुराते चेहरे पर हाथ रखती सी तस्वीर बना देता. एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीर.
स्कूल और कॉलेज के दिनों में बच्चों के लिए राष्ट्रपति का बचकाना मतलब टेस्ट के एक नंबर के सवाल से होता. अगर मुझे राष्ट्रपति का नाम पता होगा, तो टेस्ट में एक नंबर ज्यादा आ जाएंगे. लेकिन ये कलाम का जादू और लोकप्रियता ही तो थी कि बहुत से बच्चे मेरा प्रिय नेता निबंध में कलाम की जीवनी लिखने लगते. ये कमाल के कलाम ही तो थे, जो मोहल्लों के कोनों में अब भी राष्ट्रपति हो तो कलाम जैसी चर्चाएं सुनने को अक्सर मिल ही जाती हैं.
सुपर 30 और आंखों में तमाम सपने लिए प्रतियोगिता परीक्षा देने वाले लोअर मिडिल क्लास परिवार के युवाओं के लिए कलाम आज भी प्रेरणा हैं. बचपन में अखबार डालने की कलाम की कहानी, आज भी न जाने कितने युवाओं के सपनों से भरी आंखों में उगते सूरज से चमक भर देता है, लेकिन आज वो चमक कुछ फीकी पड़ी है. हौसलों की मिसाइल को उड़ान देने वाला मैन अब अपने अंतिम सफर के लिए उड़ चुका है. कहते हैं एक दूसरी दुनिया मिली है. लगता है कलाम सर ने उसी दुनिया के लिए कुछ नए प्लान बना लिए हैं, तभी शायद वो निकल पड़े हैं अपने उस अंतिम सफर पर, जहां वो बैठकर अपने सपनों की हकीकत की स्याही में पिरोकर कुछ रच सकें. ताकि सालों बाद जब कभी कहीं उस दुनिया से इस दुनिया का मिलन हो तो एक शख्स कुछ घुंघराले और बड़े से बाल लिए मुस्कराकर बोले- हैलो, आईएम कलाम!


RIP Dr. A. P. J. Kalam


1. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ.
2. पेशे से नाविक कलाम के पिता ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे. ये मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे. पांच भाई और पांच बहनों वाले परिवार को चलाने के लिए पिता के पैसे कम पड़ जाते थे इसलिए शुरुआती शिक्षा जारी रखने के लिए कलाम को अखबार बेचने का काम भी करना पड़ा.
4. आठ साल की उम्र से ही कलाम सुबह 4 बचे उठते थे और नहा कर गणित की पढ़ाई करने चले जाते थे. सुबह नहा कर जाने के पीछे कारण यह था कि प्रत्येक साल पांच बच्चों को मुफ्त में गणित पढ़ाने वाले उनके टीचर बिना नहाए आए बच्चों को नहीं पढ़ाते थे. ट्यूशन से आने के बाद वो नमाज पढ़ते और इसके बाद वो सुबह आठ बजे तक रामेश्वरम रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर न्यूज पेपर बांटते थे.
5. कलाम ‘एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी’ में आने के पीछे अपनी पांचवी क्लास के टीचर सुब्रह्मण्यम अय्यर को बताते हैं. वो कहते हैं, ‘वो हमारे अच्छे टीचर्स में से थे. एक बार उन्होंने क्लास में पूछा कि चिड़िया कैसे उड़ती है? क्लास के किसी छात्र ने इसका उत्तर नहीं दिया तो अगले दिन वो सभी बच्चों को समुद्र के किनारे ले गए. वहां कई पक्षी उड़ रहे थे. कुछ समुद्र किनारे उतर रहे थे तो कुछ बैठे थे. वहां उन्होंने हमें पक्षी के उड़ने के पीछे के कारण को समझाया साथ ही पक्षियों के शरीर की बनावट को भी विस्तार पूर्वक बताया जो उड़ने में सहायक होता है. उनके द्वारा समझाई गई ये बातें मेरे अंदर इस कदर समा गई कि मुझे हमेशा महसूस होने लगा कि मैं रामेश्वरम के समुद्र तट पर हूं और उस दिन की घटना ने मुझे जिंदगी का लक्ष्य निर्धारित करने की प्रेरणा दी. बाद में मैंने तय किया कि उड़ान की दिशा में ही अपना करियर बनाउं. मैंने बाद में फिजिक्स की पढ़ाई की और मद्रास इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की.’
6. 1962 में कलाम इसरो में पहुंचे. इन्हीं के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते भारत ने अपना पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 बनाया. 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के समीप स्थापित किया गया और भारत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया. कलाम ने इसके बाद स्वदेशी गाइडेड मिसाइल को डिजाइन किया. उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें भारतीय तकनीक से बनाईं.
7. 1992 से 1999 तक कलाम रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार भी रहे. इस दौरान वाजपेयी सरकार ने पोखरण में दूसरी बार न्यूक्लियर टेस्ट भी किए और भारत परमाणु हथियार बनाने वाले देशों में शामिल हो गया. कलाम ने विजन 2020 दिया. इसके तहत कलाम ने भारत को विज्ञान के क्षेत्र में तरक्की के जरिए 2020 तक अत्याधुनिक करने की खास सोच दी गई. कलाम भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे.
8. 1982 में कलाम को डीआरडीएल (डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट लेबोरेट्री) का डायरेक्टर बनाया गया. उसी दौरान अन्ना यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित किया. कलाम ने तब रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वीएस अरुणाचलम के साथ इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) का प्रस्ताव तैयार किया. स्वदेशी मिसाइलों के विकास के लिए कलाम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई.
9. इसके पहले चरण में जमीन से जमीन पर मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल बनाने पर जोर था. दूसरे चरण में जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल, टैंकभेदी मिसाइल और रिएंट्री एक्सपेरिमेंट लॉन्च वेहिकल (रेक्स) बनाने का प्रस्ताव था. पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश, नाग नाम के मिसाइल बनाए गए. कलाम ने अपने सपने रेक्स को अग्नि नाम दिया. सबसे पहले सितंबर 1985 में त्रिशूल फिर फरवरी 1988 में पृथ्वी और मई 1989 में अग्नि का परीक्षण किया गया. इसके बाद 1998 में रूस के साथ मिलकर भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने पर काम शुरू किया और ब्रह्मोस प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की गई. ब्रह्मोस को धरती, आसमान और समुद्र कहीं भी दागी जा सकती है. इस सफलता के साथ ही कलाम को मिसाइल मैन के रूप में प्रसिद्धि मिली और उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.
10. कलाम को 1981 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और फिर, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न प्रदान किया. भारत के सर्वोच्च पर पर नियुक्ति से पहले भारत रत्न पाने वाले कलाम देश के केवल तीसरे राष्ट्रपति हैं. उनसे पहले यह मुकाम सर्वपल्ली राधाकृष्णन और जाकिर हुसैन ने हासिल किया.


Thursday, 23 July 2015

Ek Bebas mulakat

Ghar se nikla to tha maine shocha na tha, 
Itni mushkil mulakat ho jayegi,
kya khabar thi ki mousam badal jayega,
Aur raste me barsat ho jayegi,

Dono rote rahe aisa rukh morh  do,
Uski marji hai ki dono ka dil todh do,
Ye jamana to bas chahata hai yahi,
Mai tujhe chor du Tu mujhe chor de.  

Saturday, 18 July 2015

Dil ke Arman

Maine mana tu aashik mera ho gaya| 
Saari duniya ki najro se tu kho gaya||
Tune kyo aaj tak mujhse kuch na kaha|
Ab kaha jab ki mera nikaha ho gaya ||  

Friday, 17 July 2015

Soch

Kabhi tere pyar me shochu, Maine kya khoya  aur kya mila |
Na faja mili, Na Bafa mili, Na Khuda mila, Na Sanam mila||

Thursday, 16 July 2015

Swabhiman

Mile har jakham ko muskan se seena nahi aaya:
Amarta chahte the par jahar peena nahi aaya:
Tumhari aur hamari dasta me fark itna hai.
Tumhe jeena nahi aaya, Hame marna nahi aaya:

Sada to dhoop ke hatho me hi parcham nahi hota

Sada to dhoop ke hatho me hi parcham nahi hota;
khusi ke ghar me bhi bholo kabhi kya gam nahi hota:
fakat ek aadmi ke vaste jag chorne walo:
fakat uss aadmi se ye jamana kam nahi hota: