Tuesday, 18 September 2012

Najar

 
"नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है ,
नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है
बुलंदियों पे पहुंचना कोई कमाल नहीं ,
बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है ......" (साहिल)